Friday, February 24, 2012

y dis ससुराल गेंदा फूल....रेनू मिश्रा


ससुराल गेंदा फूल....ओये होए होए.......
कल से ये गाना सुन सुन के पक गयी हूँ ,अब खाना क्या खाक पकाऊंगी....हमारे बगल में शादी है, तो वाजिब सी बात है की माहौल के लिए ये गाना बढ़िया है. मैंने भी खाना पकाते हुए एक दो बार इस पर डांस किया पर अब बस भी करो भाई जानो...रहम करो !!! अरे कुछ और बजा लो...भई, कोई कितनी बार एक ही गाने पर नाचेगा...पर नहीं कुवारियों को तो येही गाना भायेगा...ससुराल गेंदा फूल...हहाहाहा :-D
साल
शादी के इतने साल बाद भी मुझे इस गाने का मतलब नहीं समझ आयाआप में से कोई जनता है क्या इसका मतलब...??
वैसे
मुझे तो अभी तक y dis kolaveri d का मतलब भी नहीं समझ आया...पर क्या करना है ..अपन को गाने से मतलब है...गाना मस्त लगा तो गा लिया, पैर थिरके तो झूम लिया
चलो
भई फिर शुरू हो जाओ....ससुराल गेंदा फूल...ओये होए होए...."कोई तो बचा लो मुझे ;-)"

रेनू मिश्रा

4 comments:

  1. मजेदार पोस्ट है...। वैसे दोनो गाने मस्त हैं...। कहते हैं न, music knows no boundary...सो बस..कोलावरी डी का मतलब पूरी तौर से भले न समझ आए, पर मन को लहीं तो छूता ही है...तभी तो पाँव थिरकते हैं...। हाँ, अति तो सब की बुरी होती है...।

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    1. आपने सही कहा अति तो सब की बुरी है। आपने अपना कीमती समय निकाल कर पोस्ट पढ़ा, अच्छा लगा...बहुत शुक्रिया..:)

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  2. ha ha ha badhiya hai....par agar Sasuraal genda phool hai toh Sasural mein rehne waale kya ??? jara unko bhi describe kijiye
    ..!!!

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  3. Kamlesh wo to usme rehne wale prani hi behtar bata sakte hain...Par Patiyon ke paas iska uttar nahi milega kyunki ye unke liye dharm-sankat ka vishay hai..:-D

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